The Issues
सामाजिक सद्भाव
समाज के सर्वांगीण विकास के लिए समाज में सद्भाव तथा सौहार्द का होना अत्यंत आवश्यक है.
More Detailsसमान अधिकार
पूरब से लेकर पश्चिम तथा उत्तर से लेकर दक्षिण तक भारत एक है तथा भारतीय संविधान में प्रत्येक
More Detailsशांति और सुरक्षा
समाज में रहने वाला हर नागरिक शांतिपूर्ण और सुरक्षित माहौल चाहता है. शांति और सुरक्षा के माहौल
More Detailsसामाजिक न्याय
समाज में किसी के साथ सामाजिक, धार्मिक और सांस्कृतिक पूर्वर्ग्रहों के आधार पर भेदभाव नहीं होना.
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हक़ मांगते हो क्यों गुनहगार की तरह !
हक़ है तो छीन लो हक़दार की तरह !!
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"सन ऑफ़ मल्लाह" मुकेश सहनी जी के संघर्ष-सफ़लता की कहानी
मुकेश सहनी का जन्म 31 मार्च सन 1981 को भारत के बिहार राज्य के एक छोटे से गांव सुपौल में एक गरीब निषाद परिवार में हुआ था. बचपन अत्यंत अभाव में गुजरा, बचपन से ही निषाद समाज के पिछड़ेपन को उन्होंने अत्यंत करीब से देखा.
वर्ष 1999 मुकेश सहनी के जीवन में बहुत बड़ा बदलाव लेकर आया. उस समय परिवार की आर्थिक विपन्नता ने उन्हें मात्र 18 साल की उम्र में ही मुंबई भागने के लिए विवश कर दिया. इसके पीछे उनका उद्देश्य एक बेहतर जिन्दगी की तलाश थी. नए शहर में गुजर-वसर करना युवा मुकेश के लिए बिना पतवार किसी भयंकर तूफान का सामना करने से कम नहीं था। काम की तलाश में यत्र-तत्र भटकना जारी रहा मगर मन में एक विश्वास था और कुछ बेहतर करने का जूनून था.
मेहनत की वदौलत जल्द ही युवा मुकेश को काम मिल गया. अत्यंत कम समय में ही इनकी कार्यकुशलता तथा विलक्षण प्रतिभा ने सबका ध्यान इनकी ओर आकर्षित किया. दिन बीतते गए और युवा मुकेश अपनी मेहनत, लगन और जूनून की बदौलत सफलता की सीढ़िया चढ़ने लगे. वे फिल्म जगत में अपनी लगन व पहचान बनाने लगे. अपने सफलता के सफर में इन्होने फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. तथा अत्यंत कम समय में ही फिल्म सेट निर्माण के क्षेत्र में फिल्म सेट की पहचान बन गए. देवदास से शुरु हुआ सफ़र आज बजरंगी भाईजान फिल्मों के सेट निर्माण का कार्य किया है.